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करवा चौथ व्रत की पूजन विधि

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how to make fast on karva chauthहिंदू सनातन पद्धति में करवा चौथ सुहागिनों का महत्वपूर्ण त्योहार माना गया है. इस पर्व पर महिलाएं हाथों में मेहंदी रचाकर, चूड़ी पहन व सोलह श्रृंगार कर अपने पति की पूजा कर व्रत का पारण करती हैं.


सुहागिन या पतिव्रता स्त्रियों के लिए करवा चौथ बहुत ही महत्वपूर्ण व्रत है. यह व्रत कार्तिक कृष्ण की चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को किया जाता है. यदि दो दिन की चंद्रोदय व्यापिनी हो या दोनों ही दिन न हो तो ‘मातृविद्धा प्रशस्यते’ के अनुसार पूर्वविद्धा लेना चाहिए.


स्त्रियां इस व्रत को पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं. यह व्रत अलग-अलग क्षेत्रों में वहां की प्रचलित मान्यताओं के अनुरूप रखा जाता है, लेकिन इन मान्यताओं में थोड़ा-बहुत अंतर होता है. सार तो सभी का एक होता है पति की दीर्घायु.


करवा चौथ व्रत विधि (Karwa Chauth 2013):

* करवा चौथ की आवश्यक संपूर्ण पूजन सामग्री को एकत्र करें.

* व्रत के दिन प्रातः स्नानादि करने के पश्चात यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत का आरंभ करें- ‘मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये.’

* पूरे दिन निर्जला रहें.

* दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित करें. इसे वर कहते हैं. चित्रित करने की कला को करवा धरना कहा जाता है.

* आठ पूरियों की अठावरी बनाएं. हलुआ बनाएं. पक्के पकवान बनाएं.

* पीली मिट्टी से गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेशजी बनाकर बिठाएं.

* गौरी को लकड़ी के आसन पर बिठाएं. चौक बनाकर आसन को उस पर रखें. गौरी को चुनरी ओढ़ाएं. बिंदी आदि सुहाग सामग्री से गौरी का श्रृंगार करें.

* जल से भरा हुआ लोटा रखें.

* वायना (भेंट) देने के लिए मिट्टी का टोंटीदार करवा लें. करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें. उसके ऊपर दक्षिणा रखें.

* रोली से करवा पर स्वस्तिक बनाएं.

* गौरी-गणेश और चित्रित करवा की परंपरानुसार पूजा करें. पति की दीर्घायु की कामना करें.

नमः शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्‌।

प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥

* करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें.

* कथा सुनने के बाद करवा पर हाथ घुमाकर अपनी सासूजी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें.

* तेरह दाने गेहूं के और पानी का लोटा या टोंटीदार करवा अलग रख लें.

* रात्रि में चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें.

* इसके बाद पति से आशीर्वाद लें. उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें.

पूजन के पश्चात आस-पड़ोस की महिलाओं को करवा चौथ की बधाई देकर पर्व को संपन्न करें.

परंपरागत करवा चौथ में आधुनिकता का स्वाद

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